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सहल : हाड़ा रानी – काव्यात्मक कथा

Rated 5.00 out of 5 based on 4 customer ratings
(4 customer reviews)

Original price was: ₹499.00.Current price is: ₹399.00.

वो केवल एक रानी नहीं थीं,
बल्कि शक्ति थीं, श्रद्धा थीं
त्याग की पराकाष्ठा थीं।
पति के विजय पथ को प्रशस्त करने के लिए
उन्होंने स्वयं को अर्पित कर दिया—
हाथों के कंगन नहीं,
निशानी में अपना शीश भेज दिया।

(नीचे स्क्रॉल करें और पूरा विवरण पढ़ें)

Available via UPI, Card, Net Banking

सच्चा प्रेम क्या होता है — इस पर अक्सर बहस होती है।
लेकिन इस कहानी को पढ़ने के बाद,
बहस की सारी संभावनाएँ खुद-ब-खुद ख़त्म हो जाएँगी।

किसी के लिए प्रेम समर्पण है, किसी के लिए साथ…
पर सच्चा प्रेम शायद वो होता है, जो शब्दों से नहीं —
त्याग, समझ और निःस्वार्थ भाव से जताया जाता है।
जो ख़ामोशी में भी अपना संपूर्ण स्वरूप दिखा देता है।

ठीक ऐसे ही, जिस प्रेम में त्याग हो —
वहीं से इतिहास जन्म लेता है।
और वहीं से जन्म लेती है एक कहानी—
‘सहल : हाड़ा रानी’।

यह ऐतिहासिक काव्यात्मक पुस्तक,
एक ऐसी रानी की कहानी है जिन्होंने,
अपने पति को निशानी के रूप में,
अपना सिर काट कर भेज दिया था,
ताकि वो युद्धभूमि में विचलित ना हो।

इस किताब में, इतिहास है,
प्रेम है, कविता है, त्याग है,
देशभक्ति है, जिसे पढ़कर आपको खुद पर,
और अपने हिंदुस्तान पर गर्व होगा।

चाहे आपको पढ़ना पसंद है या
आपने इससे पहले कोई किताब नहीं पढ़ी हो,
पर इस किताब को पढ़ कर,
आपको लगेगा कि
वर्षों से ये कहानी आप सब के बीच ही थी,
बस हम इसकी आवाज को सुन नहीं पाएं।

आर्डर करें।

Weight 200 g
Dimensions 5 × 0.63 × 8 in
ISBN

978-81-988398-5-5

Author

Dany Solanki

Language

Hindi

Paperback

238 pages

Genre

Historical Narrative Poetry

4 reviews for सहल : हाड़ा रानी – काव्यात्मक कथा

  1. Rated 5 out of 5

    ।। आदित्य त्रिपाठी, जहाजपुर ।।

    “सहल : हाड़ा रानी – काव्यात्मक कथा”
    मैं इस किताब की सिफारिश जरूर करूंगा और मुझे लगता है कि यह सभी कला प्रेमियों को पढ़नी चाहिए। यह एक ऐसी किताब है जो आपको कला, प्रेम एवं विरह की सुंदरता का अनुभव कराएगी ।

  2. Rated 5 out of 5

    Deepti Rathore (verified owner)

    आज मैंने “Sahal: The Hada Rani” को पूरा पढ़ा और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सिर्फ एक ऐतिहासिक कथा नहीं, बल्कि राजपूताना शौर्य, नारी बलिदान और प्रेम की गहराई का जीवंत चित्रण है।

    लेखक ने हाड़ा रानी और रतन सिंह के बीच के रिश्ते को बेहद भावनात्मक और संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत किया है। एक पत्नी का अपने पति और मातृभूमि के लिए किया गया बलिदान, पढ़ने वाले के मन को छू जाता है।

    साथ ही, राजपूत सेना की वीरता, राजा का नेतृत्व, और रणभूमि का चित्रण इतना जीवंत है कि पाठक खुद को उस समय में अनुभव करता है। यह किताब हमें यह भी याद दिलाती है कि इतिहास सिर्फ तिथियों और घटनाओं का संग्रह नहीं, बल्कि जज़्बातों और बलिदानों की गाथा है।

    लेखक की भाषा प्रभावशाली, भावनात्मक और शोधपूर्ण है।

    ⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️
    5/5 – एक बार जरूर पढ़ने योग्य।

  3. Rated 5 out of 5

    Giriraj Gurjar

    त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति हाड़ा रानी के बारे में डैनी सोलंकी जी द्वारा लिखी पुस्तक सहल: हाड़ा रानी को पढ़ोगे तो ऐसा लगेगा जैसा सारा घटनाक्रम आपके सामने हो रहा हो। अब तक आपने सुना होगा उस महा बलिदान के बारे में लेकिन अब महसूस होगा। मेवाड़ी वीरों और वीरांगनाओं की वीरता को एक पुस्तक में लिख पाना असंभव हैं लेकिन डैनी सर ने जो लिखा हैं वो वास्तव में अद्वितीय हैं। कविता के माध्यम से उस महान बलिदानी कथा को कह पाना कितना मुश्किल रहा होगा लेकिन जब आप इसे पढ़ोगे तो ऐसा लगेगा आप अपनी आंखों से किसी सिनेमा में बैठे किसी ऐतिहासिक कहानी को देख रहे हो।

    अपने खोए हुए इतिहास को वापिस संजोने का समय है जो आक्रांताओं के भय से कही खो गया था। डैनी सर को बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने हाड़ा रानी के बलिदान और व्यक्तिव के बारे में विस्तार से बताया। अभी तक हमने केवल यही पढ़ा था कि ” चुंडावत मांगी सेना सेनाणी, सिर काट दे दियो क्षत्राणी।”
    लेकिन इसके पीछे के प्रेम,विरह,वेदना और राष्ट्रभक्ति को अब समझ पाए।
    Thanks a lot mr. Danny solanki🙏💞

  4. Rated 5 out of 5

    Monica Meena

    Great book,great story telling!
    It’s clear the author has worked hard to polish every detail. This deserves to be shared with more people.

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